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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - लूका - लूका 20

लूका 20:19-34

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19शरी'अत के उलमा और राहनुमा इमामों ने उसी वक़्त उसे पकड़ने की कोशिश की, क्यूँकि वह समझ गए थे कि मिसाल में बयान होने वाले हम ही हैं। लेकिन वह अवाम से डरते थे।
20चुनाँचे वह उसे पकड़ने का मौक़ा ढूँडते रहे। इस मक़्सद के तहत उन्होंने उस के पास जासूस भेज दिए। यह लोग अपने आप को ईमानदार ज़ाहिर करके ईसा के पास आए ताकि उस की कोई बात पकड़ कर उसे रोमी हाकिम के हवाले कर सकें।
21इन जासूसों ने उस से पूछा, “उस्ताद, हम जानते हैं कि आप वही कुछ बयान करते और सिखाते हैं जो सहीह है। आप तरफ़दारी नहीं करते बल्कि दियानतदारी से ख़ुदा की राह की तालीम देते हैं।
22अब हमें बताएँ कि क्या रोमी हाकिम को महसूल देना जायज़ है या नाजायज़?”
23लेकिन ईसा ने उन की चालाकी भाँप ली और कहा,
24“मुझे चाँदी का एक रोमी सिक्का दिखाओ। किस की सूरत और नाम इस पर बना है?” उन्हों ने जवाब दिया, “क़ैसर का।”
25उस ने कहा, “तो जो क़ैसर का है क़ैसर को दो और जो ख़ुदा का है ख़ुदा को।”
26यूँ वह अवाम के सामने उस की कोई बात पकड़ने में नाकाम रहे। उस का जवाब सुन कर वह हक्का — बक्का रह गए और मज़ीद कोई बात न कर सके।
27फिर कुछ सदूक़ी उस के पास आए। सदूक़ी नहीं मानते थे कि रोज़ — ए — क़यामत में मुर्दे जी उठेंगे। उन्हों ने ईसा से एक सवाल किया,
28“उस्ताद, मूसा ने हमें हुक्म दिया कि अगर कोई शादीशुदा आदमी बेऔलाद मर जाए और उस का भाई हो तो भाई का फ़र्ज़ है कि वह बेवा से शादी करके अपने भाई के लिए औलाद पैदा करे।
29अब फ़र्ज़ करें कि सात भाई थे। पहले ने शादी की, लेकिन बेऔलाद मर गया।
30इस पर दूसरे ने उस से शादी की, लेकिन वह भी बेऔलाद मर गया।
31फिर तीसरे ने उस से शादी की। यह सिलसिला सातवें भाई तक जारी रहा। इसके बाद हर भाई बेवा से शादी करने के बाद मर गया।
32आख़िर में बेवा की भी मौत हो गई।
33अब बताएँ कि क़यामत के दिन वह किस की बीवी होगी? क्यूँकि सात के सात भाइयों ने उस से शादी की थी।”
34ईसा ने जवाब दिया, “इस ज़माने में लोग ब्याह — शादी करते और कराते हैं।

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