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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - 1 यूह - 1 यूह 5

1 यूह 5:13-21

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13मैंने तुम को जो ख़ुदा के बेटे के नाम पर ईमान लाए हो, ये बातें इसलिए लिखी कि तुम्हें मा'लूम हो कि हमेशा की ज़िन्दगी रखते हो।।
14और हमे जो उसके सामने दिलेरी है, उसकी वजह ये है कि अगर उसकी मर्ज़ी के मुवाफ़िक़ कुछ माँगते हैं, तो वो हमारी सुनता है।
15और जब हम जानते हैं कि जो कुछ हम माँगते हैं, वो हमारी सुनता है, तो ये भी जानते हैं कि जो कुछ हम ने उससे माँगा है वो पाया है।
16अगर कोई अपने भाई को ऐसा गुनाह करते देखे जिसका नतीजा मौत न हो तो दुआ करे ख़ुदा उसके वसीले से ज़िन्दगी बख़्शेगा। उन्हीं को जिन्होंने ऐसा गुनाह नहीं किया जिसका नतीजा मौत हो, गुनाह ऐसा भी है जिसका नतीजा मौत है; इसके बारे में दुआ करने को मैं नहीं कहता।
17है तो हर तरह की नारास्ती गुनाह, मगर ऐसा गुनाह भी है जिसका नतीजा मौत नहीं।
18हम जानते है कि जो कोई ख़ुदा से पैदा हुआ है, वो गुनाह नहीं करता; बल्कि उसकी हिफ़ाज़त वो करता है जो ख़ुदा से पैदा हुआ और शैतान उसे छूने नहीं पाता।
19हम जानते हैं कि हम ख़ुदा से हैं, और सारी दुनिया उस शैतान के क़ब्ज़े में पड़ी हुई है।
20और ये भी जानते है कि ख़ुदा का बेटा आ गया है, और उसने हमे समझ बख़्शी है ताकि उसको जो हक़ीक़ी है जानें और हम उसमें जो हक़ीक़ी है, या'नी उसके बेटे ईसा मसीह में हैं। हक़ीक़ी ख़ुदा और हमेशा की ज़िन्दगी यही है।
21ऐ बच्चों! अपने आपको बुतों से बचाए रख्खो।

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