1और सातवें महीने की पहली तारीख़ को तुम्हारा पाक मजमा' हो, उसमें कोई ख़ादिमाना काम न करना। यह तुम्हारे लिए नरसिंगे फूँकने का दिन है।
2तुम सोख़्तनी क़ुर्बानी के तौर पर एक बछड़ा, एक मेंढा और सात बे — 'ऐब यक — साला नर बर्रे चढ़ाना ताकि यह ख़ुदावन्द के सामने राहत अंगेज़ ख़ुशबू ठहरे।
3और इनके साथ नज़्र की क़ुर्बानी के तौर पर तेल मिला हुआ मैदा; बछड़ा ऐफ़ा के तीन दहाई हिस्से के बराबर, और हर मेंढा पाँचवें हिस्से के बराबर,
4और सातों बर्रों में से हर बर्रे पीछे ऐफ़ा के दसवें हिस्से के बराबर हो।
5और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो, ताकि तुम्हारे वास्ते कफ़्फ़ारा दिया जाए।
6नये चाँद की सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी, और दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और उनके तपावनों के 'अलावा, जो अपने — अपने क़ानून के मुताबिक़ पेश करे जाएँगे, यह भी राहतअंगेज़ ख़ुशबू की आतिशी क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने अदा किये जाए।
7'फिर उसी सातवें महीने की दसवीं तारीख़ को तुम्हारा पाक मजमा' हो; तुम अपनी अपनी जान को दुख देना और किसी तरह का काम न करना,
8बल्कि सोख़्तनी क़ुर्बानी के तौर पर एक बछड़ा, एक मेंढा और सात यक — साला नर बर्रे ख़ुदावन्द के सामने चढ़ाना, ताकि यह राहतअंगेज़ ख़ुशबू ठहरे; यह सब के सब बे — 'ऐब हों,
9और इनके साथ नज़्र की क़ुर्बानी के तौर पर तेल मिला हुआ मैदा; हर बछड़ा ऐफ़ा के तीन दहाई हिस्से के बराबर, और हर मेंढा पाँचवें हिस्से के बराबर,
10और सातों बर्रों में से हर बर्रे पीछे ऐफ़ा के दसवें हिस्से के बराबर हो,
11और ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बकरा हो; यह भी उस ख़ता की क़ुर्बानी के 'अलावा, जो कफ़्फ़ारे के लिए है और दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की कुर्बानी, और तपावनों के 'अलावा अदा किये जाएँ।
12और सातवें महीने की पन्द्रहवीं तारीख़ को फिर तुम्हारा पाक मजमा' हो; उस दिन तुम कोई ख़ादिमाना काम न करना, और सात दिन तक ख़ुदावन्द की ख़ातिर 'ईद मनाना।
13और तुम सोख़्तनी क़ुर्बानी के तौर पर तेरह बछड़े, दो मेंढे, और चौदह यक — साला नर बर्रे चढ़ाना ताकि यह राहत अंगेज़ ख़ुशबू ख़ुदावन्द के लिए आतिशीन क़ुर्बानी ठहरे; यह सब के सब बे — 'ऐब हों।
14और इनके साथ नज़्र की क़ुर्बानी के तौर पर तेरह बछड़ों में से हर बछड़े पीछे तेल मिला हुआ मैदा ऐफ़ा के तीन दहाई हिस्से के बराबर, और दोनों मेंढों में से हर मेंढे पीछे पाँचवें हिस्से के बराबर,
15और चौदह बर्रों में से हर बर्रे पीछे ऐफ़ा के दसवें हिस्से के बराबर हो।
16और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन के 'अलावा चढ़ाए जाएँ।
17“और दूसरे दिन बारह बछड़े, दो मेंढे और चौदह बे — 'ऐब यक — साला नर बर्रे चढ़ाना।
18और बछड़ों और मेंढों और बर्रों के साथ, उनके शुमार और तौर तरीक़े के मुताबिक़ उनकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन हों,
19और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावनों के 'अलावा चढ़ाए जाएँ।
20'और तीसरे दिन ग्यारह बछड़े, दो मेंढे और चौदह यक — साला बे — 'ऐब नर बर्रे हों।
21और बछड़ों और मेंढों और बर्रों के साथ, उनके शुमार और तौर तरीक़े के मुताबिक़ उनकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन हों,
22और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन के अलावा चढ़ाए जाएँ।
23'और चौथे दिन दस बछड़े, दो मेंढे और चौदह यक — साला बे — 'ऐब नर बर्रे हों।
24और बछड़ों और मेंढों और बर्रों के साथ, उनके शुमार और तौर तरीक़े के मुताबिक़ उनकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन हों,
25और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन के 'अलावा चढ़ाए जाए।
26“और पाँचवे दिन नौ बछड़े, दो मेंढे और चौदह यक — साला बे — 'ऐब नर बर्रे हों।
27और बछड़ों और मेंढों और बर्रों के साथ, उनके शुमार और क़ानून के मुताबिक़ उनकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन हों,
28और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन के 'अलावा चढ़ाए जाए।
29'और छठे दिन आठ बछड़े, दो मेंढे और चौदह यक — साला बे — 'ऐब नर बर्रे हों।
30और बछड़ों और मेंढों और बर्रों के साथ, उनके शुमार और क़ानून के मुताबिक़ उनकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन हों;
31और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन के 'अलावा अदा की जाए।
32“और सातवें दिन सात बछड़े, दो मेंढे और चौदह यक — साला बे — 'ऐब नर बर्रे हों।
33और बछड़ों और मेंढों और बर्रों के साथ, उनके शुमार और तौर तरीक़े के मुताबिक़ उनकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन हों,
34और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन के अलावा अदा की जाएँ
35“और आठवें दिन तुम्हारा पाक मजमा' हो; तुम उस दिन कोई ख़ादिमाना काम न करना,
36बल्कि तुम एक बछड़ा, एक मेंढा, और सात यक — साला बे — 'ऐब नर बर्रे सोख़्तनी क़ुर्बानी के तौर पर चढ़ाना ताकि वह ख़ुदावन्द के सामने राहतअंगेज़ ख़ुशबू की आतिशी क़ुर्बानी ठहरे।
37और बछड़े और मेंढे और बर्रों के साथ, उनके शुमार और तौर तरीक़े के मुताबिक़ उनकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन हों,
38और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन के 'अलावा चढ़ाए जाएँ।
39“तुम अपनी मुक़र्ररा 'ईदों में अपनी मिन्नतों और रज़ा की क़ुर्बानियों के 'अलावा यहीं सोख़्तनी क़ुर्बानियाँ और नज़्र की कुर्बानियाँ और तपावन और सलामती की कुर्बानियाँ ख़ुदावन्द को पेश करना।”
40और जो कुछ ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया, वह सब मूसा ने बनी इस्राईल को बता दिया।