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पवित्र बाइबिल - श्रेष्ठगीत - श्रेष्ठगीत 3

श्रेष्ठगीत 3:4-10

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4मुझ को उनके पास से आगे बढ़े थोड़े ही देर हुई थी कि मेरा प्राणप्रिय मुझे मिल गया। मैंने उसको पकड़ लिया, और उसको जाने न दिया जब तक उसे अपनी माता के घर अर्थात् अपनी जननी की कोठरी में न ले आई।
5हे यरूशलेम की पुत्रियों, मैं तुम से चिकारियों और मैदान की हिरनियों की शपथ धराकर कहती हूँ, कि जब तक प्रेम आप से न उठे, तब तक उसको न उकसाओं और न जगाओ।
6यह क्या है जो धुएँ के खम्भे के समान, गन्धरस और लोबान से सुगन्धित, और व्यापारी की सब भाँति की बुकनी लगाए हुए जंगल से निकला आता है?
7देखो, यह सुलैमान की पालकी है! उसके चारों ओर इस्राएल के शूरवीरों में के साठ वीर चल रहे हैं।
8वे सब के सब तलवार बाँधनेवाले और युद्ध विद्या में निपुण हैं। प्रत्येक पुरुष रात के डर से जाँघ पर तलवार लटकाए रहता है।
9सुलैमान राजा ने अपने लिये लबानोन के काठ की एक बड़ी पालकी बनवा ली।
10उसने उसके खम्भे चाँदी के, उसका सिरहाना सोने का, और गद्दी बैंगनी रंग की बनवाई है; और उसके भीतरी भाग को यरूशलेम की पुत्रियों की ओर से बड़े प्रेम से जड़ा गया है।

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