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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - ज़बूर

ज़बूर 121

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1मैं अपनी आँखें पहाड़ों की तरफ उठाऊगा; मेरी मदद कहाँ से आएगी?
2मेरी मदद ख़ुदावन्द से है, जिसने आसमान और ज़मीन को बनाया।
3वह तेरे पाँव को फिसलने न देगा; तेरा मुहाफ़िज़ ऊँघने का नहीं।
4देख! इस्राईल का मुहाफ़िज़, न ऊँघेगा, न सोएगा।
5ख़ुदावन्द तेरा मुहाफ़िज़ है; ख़ुदावन्द तेरे दहने हाथ पर तेरा सायबान है।
6न आफ़ताब दिन को तुझे नुक़सान पहुँचाएगा, न माहताब रात को।
7ख़ुदावन्द हर बला से तुझे महफूज़ रख्खेगा, वह तेरी जान को महफूज़ रख्खेगा।
8ख़ुदावन्द तेरी आमद — ओ — रफ़्त में, अब से हमेशा तक तेरी हिफ़ाज़त करेगा।