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पवित्र बाइबिल - यूहन्ना - यूहन्ना 1

यूहन्ना 1:28-43

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28ये बातें यरदन के पार बैतनिय्याह में हुई, जहाँ यूहन्ना बपतिस्मा देता था।
29दूसरे दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, “देखो, यह परमेश्‍वर का मेम्‍ना* है, जो जगत के पाप हरता है। (1 पत. 1:19, यशा. 53:7)
30यह वही है, जिसके विषय में मैंने कहा था, कि एक पुरुष मेरे पीछे आता है, जो मुझसे श्रेष्ठ है, क्योंकि वह मुझसे पहले था।
31और मैं तो उसे पहचानता न था, परन्तु इसलिए मैं जल से बपतिस्मा देता हुआ आया, कि वह इस्राएल पर प्रगट हो जाए।”
32और यूहन्ना ने यह गवाही दी, “मैंने आत्मा को कबूतर के रूप में आकाश से उतरते देखा है, और वह उस पर ठहर गया।
33और मैं तो उसे पहचानता नहीं था, परन्तु जिस ने मुझे जल से बपतिस्मा देने को भेजा, उसी ने मुझसे कहा, ‘जिस पर तू आत्मा को उतरते और ठहरते देखे; वही पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देनेवाला है।’
34और मैंने देखा, और गवाही दी है कि यही परमेश्‍वर का पुत्र है।” (भज. 2:7)
35दूसरे दिन फिर यूहन्ना और उसके चेलों में से दो जन खड़े हुए थे।
36और उसने यीशु पर जो जा रहा था, दृष्टि करके कहा, “देखो, यह परमेश्‍वर का मेम्‍ना है।”
37तब वे दोनों चेले उसकी सुनकर यीशु के पीछे हो लिए।
38यीशु ने मुड़कर और उनको पीछे आते देखकर उनसे कहा, “तुम किस की खोज में हो?” उन्होंने उससे कहा, “हे रब्बी, (अर्थात् हे गुरु), तू कहाँ रहता है?”
39उसने उनसे कहा, “चलो, तो देख लोगे।” तब उन्होंने आकर उसके रहने का स्थान देखा, और उस दिन उसी के साथ रहे; और यह दसवें घंटे के लगभग था।
40उन दोनों में से, जो यूहन्ना की बात सुनकर यीशु के पीछे हो लिए थे, एक शमौन पतरस का भाई अन्द्रियास था।
41उसने पहले अपने सगे भाई शमौन से मिलकर उससे कहा, “हमको ख्रिस्त अर्थात् मसीह मिल गया।” (यूह. 4:25)
42वह उसे यीशु के पास लाया: यीशु ने उस पर दृष्टि करके कहा, “तू यूहन्ना का पुत्र शमौन है, तू कैफा* अर्थात् पतरस कहलाएगा।”
43दूसरे दिन यीशु ने गलील को जाना चाहा, और फिलिप्पुस से मिलकर कहा, “मेरे पीछे हो ले।”

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