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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - यशो - यशो 10

यशो 10:4-25

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4मेरे पास आओ और मेरी मदद करो और चलो हम जिबा'ऊन को मारें; क्यूँकि उस ने यशू'अ और बनी इस्राईल से सुलह कर ली है।
5इसलिए अमोरियों के पाँच बादशाह, या'नी येरूशलेम का बादशाह और हबरून का बादशाह और यरमूत का बादशाह और लकीस का बादशाह और 'अजलून का बादशाह इकठ्ठे हुए; और उन्होंने अपनी सब फ़ौजों के साथ चढ़ाई की और जिबा'ऊन के मुक़ाबिल डेरे डाल कर उस से जंग शुरू' की।
6तब जिबा'ऊन के लोगों ने यशू'अ को जो जिलजाल में ख़ेमाज़न था कहला भेजा कि अपने ख़ादिमों की तरफ़ से अपना हाथ मत खींच। जल्द हमारे पास पहुँच कर हमको बचा और हमारी मदद कर, इसलिए कि सब अमूरी बादशाह जो पहाड़ी मुल्क में रहते हैं हमारे ख़िलाफ़ इकठ्ठे हुए हैं।
7तब यशू'अ सब जंगी मर्दों और सब ज़बरदस्त सूरमाओं को हमराह लेकर जिलजाल से चल पड़ा।
8और ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा, “उन से न डर इस लिए कि मैंने उनको तेरे क़ब्ज़े में कर दिया है; उन में से एक आदमी भी तेरे सामने खड़ा न रह सकेगा।”
9तब यशू'अ रातों रात जिल्जाल से चल कर अचानक उन पर आ पड़ा।
10और ख़ुदावन्द ने उनको बनी इस्राईल के सामने शिकस्त दी; और उस ने उनको जिबा'ऊन में बड़ी ख़ून रेज़ी के साथ क़त्ल किया और बैत हौरून की चढ़ाई के रास्ते पर उनको दौड़ाया और 'अज़ीक़ाह और मुक़क़ीदा तक उनको मारता गया।
11और जब वह इस्राईलियों के सामने से भागे और बैतहोरून के उतार पर थे, तो ख़ुदावन्द ने 'अज़ीक़ाह तक आसमान से उन पर बड़े बड़े पत्थर बरसाए और वह मर गये; और जो ओलों से मरे वह उनसे जिनको बनी इस्राईल ने तलवार से मारा कहीं ज़्यादा थे।
12और उस दिन जब ख़ुदावन्द ने अमोरियों को बनी इस्राईल के क़ाबू में कर दिया यशू'अ ने ख़ुदावन्द के हुज़ूर बनी इस्राईल के सामने यह कहा कि, ऐ सूरज तू जिबा'ऊन पर और ऐ चाँद! तू वादी — ए — अय्यालोन में ठहरा रह।
13और सूरज ठहर गया और चाँद थमा रहा। जब तक क़ौम ने अपने दुश्मनों से अपना इन्तिक़ाम न ले लिया। क्या यह आशर की किताब में नहीं लिखा है? और सूरज आसमान के बीचो बीच ठहरा रहा, और तक़रीबन सारे दिन डूबने में जल्दी न की।
14और ऐसा दिन कभी उस से पहले हुआ और न उसके बा'द, जिस में ख़ुदावन्द ने किसी आदमी की बात सुनी हो; क्यूँकि ख़ुदावन्द इस्राईलियों की ख़ातिर लड़ा।
15फिर यशू'अ और उसके साथ सब इस्राईली जिलजाल को ख़ेमागाह में लौटे।
16और वह पाँचों बादशाह भाग कर मुक़्क़ैदा के ग़ार में जा छिपे।
17और यशू'अ को यह ख़बर मिली कि वह पाँचो बादशाह मुक़्क़ैदा के ग़ार में छिपे हुए मिले हैं।
18यशू'अ ने हुक्म किया कि बड़े बड़े पत्थर उस ग़ार के मुँह पर लुढ़का दो और आदमियों को उसके पास उनकी निगहबानी के लिए बिठा दो।
19लेकिन तुम न रुको, तुम अपने दुश्मनों का पीछा करो और उन में के जो जो पीछे रह गए हैं उनको मार डालो, उनको मोहलत न दो कि वह अपने अपने शहर में दाख़िल हों; इसलिए कि ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने उनको तुम्हारे क़ब्ज़े में कर दिया है।
20और जब यशू'अ और बनी इस्राईल बड़ी ख़ूँरेज़ी के साथ उनको क़त्ल कर चुके, यहाँ तक कि वह हलाक — ओ — बर्बाद हो गये; और वह जो उन में से बाक़ी बचे फ़सील दार शहरों में दाख़िल हो गये।
21तो सब लोग मुक़्क़ैदा में यशू'अ के पास लश्कर गाह को सलामत लौटे, और किसी ने बनी इस्राईल में से किसी के बरख़िलाफ़ ज़बान न हिलाई।
22फिर यशू'अ ने हुक्म दिया कि ग़ार का मुँह खोलो और उन पाँचों बादशाहों को ग़ार से बाहर निकाल कर मेरे पास लाओ
23उन्होंने ऐसा ही किया और वह पाँचों बादशाहों को या'नी शाह येरूशलेम और शाह — ए — हबरोन और शाह — ए — यरमूत और शाह — ए — लकीस और शाह — ए — अजलून को ग़ार से निकाल कर उसके पास लाये।
24और जब वह उनको यशू'अ के सामने लाये तो यशू'अ ने सब इस्राईलियों को बुलवाया और उन जंगी मर्दों के सरदारों से जो उसके साथ गये थे यह कहा कि नज़दीक आकर अपने अपने पाँव इन बादशाहों की गरदनों पर रखो।
25और यशू'अ ने उन से कहा खौफ़ न करो और हिरासाँ मत हो मज़बूत हो जाओ और हौसला रखो इसलिए कि ख़ुदावन्द तुम्हारे सब दुश्मनों से जिनका मुक़ाबिला तुम करोगे ऐसा ही करेगा।

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