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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - अह - अह 6

अह 6:14-21

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14“नज़्र की क़ुर्बानी 'और नज़्र की क़ुर्बानी के बारे में शरा' यह है, कि हारून के बेटे उसे मज़बह के आगे ख़ुदावन्द के सामने पेश करें।
15और वह नज़्र की क़ुर्बानी में से अपनी मुट्ठी भर इस तरह निकाले कि उसमें थोड़ा सा मैदा और कुछ तेल जो उसमें पड़ा होगा और नज़्र की क़ुर्बानी का सब लुबान आ जाए, और इस यादगारी के हिस्से को मज़बह पर ख़ुदावन्द के सामने राहतअंगेज ख़ुशबू के तौर पर जलाए।
16और जो बाक़ी बचे उसे हारून और उसके बेटे खाएँ, वह बग़ैर ख़मीर के पाक जगह में खाया जाए, या'नी वह ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के सहन में उसे खाएँ।
17वह ख़मीर के साथ पकाया न जाए; मैंने यह अपनी आतिशीन क़ुर्बानियों में से उनका हिस्सा दिया है, और यह ख़ता की क़ुर्बानी और जुर्म की क़ुर्बानी की तरह बहुत पाक है।
18हारून की औलाद के सब मर्द उसमें से खाएँ। तुम्हारी नसल — दर — नसल की आतिशी क़ुर्बानियां जो ख़ुदावन्द को पेश करेंगे उनमें से यह उनका हक़ होगा। जो कोई उन्हें छुए वह पाक ठहरेगा।”
19और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि,
20“जिस दिन हारून को मसह किया जाए उस दिन वह और उसके बेटे ख़ुदावन्द के सामने यह हदिया अदा करें, कि ऐफ़ा के दसवें हिस्से के बराबर मैदा, आधा सुबह को और आधा शाम को, हमेशा नज़्र की क़ुर्बानी के लिए लाएँ।
21वह तवे पर तेल में पकाया जाए; जब वह तर हो जाए तो तू उसे ले आना। इस नज़्र की क़ुर्बानी को पकवान के टुकड़ों की सूरत में पेश करना ताकि वह ख़ुदावन्द के लिए राहतअंगेज़ ख़ुशबू भी हो।

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