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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - वाइज़ - वाइज़ 5

वाइज़ 5:1-5

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1जब तू ख़ुदा के घर को जाता है तो संजीदगी से क़दम रख, क्यूँकि सुनने के लिए जाना बेवक़ूफ़ों के जैसे ज़बीहे पेश करने से बेहतर है, इसलिए कि वह नहीं समझते कि बुराई करते हैं।
2बोलने में जल्दबाज़ी न कर और तेरा दिल जल्दबाज़ी से ख़ुदा के सामने कुछ न कहे; क्यूँकि ख़ुदा आसमान पर है और तू ज़मीन पर, इसलिए तेरी बातें मुख़्तसर हों।
3क्यूँकि काम की कसरत की वजह से ख़्वाब देखा जाता है और बेवक़ूफ़ की आवाज़ बातों की कसरत होती है।
4जब तू ख़ुदा के लिए मन्नत माने, तो उसके अदा करने में देर न कर; क्यूँकि वह बेवकूफ़ों से ख़ुश नहीं है। तू अपनी मन्नत को पूरा कर।
5तेरा मन्नत न मानना इससे बेहतर है कि तू मन्नत माने और अदा न करे।

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