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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - लूका - लूका 8

लूका 8:28-37

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28वो ईसा को देख कर चिल्लाया और उसके आगे गिर कर बुलन्द आवाज़ से कहने लगा, “ऐ ईसा! ख़ुदा के बेटे, मुझे तुझ से क्या काम? मैं तेरी मिन्नत करता हूँ कि मुझे 'ऐज़ाब में न डाल।”
29क्यूँकि वो उस बदरूह को हुक्म देता था कि इस आदमी में से निकल जा, इसलिए कि उसने उसको अक्सर पकड़ा था; और हर चन्द लोग उसे ज़ंजीरों और बेड़ियों से जकड़ कर क़ाबू में रखते थे, तो भी वो ज़ंजीरों को तोड़ डालता था और बदरूह उसको वीरानों में भगाए फिरती थी।
30ईसा ने उससे पूछा, “तेरा क्या नाम है?” उसने कहा, “लश्कर!” क्यूँकि उसमें बहुत सी बदरूहें थीं।
31और वो उसकी मिन्नत करने लगीं कि “हमें गहरे गड्ढे में जाने का हुक्म न दे।”
32वहाँ पहाड़ पर सूअरों का एक बड़ा ग़ोल चर रहा था। उन्होंने उसकी मिन्नत की कि हमें उनके अन्दर जाने दे; उसने उन्हें जाने दिया।
33और बदरूहें उस आदमी में से निकल कर सूअरों के अन्दर गईं और ग़ोल किनारे पर से झपट कर झील में जा पड़ा और डूब मरा।
34ये माजरा देख कर चराने वाले भागे और जाकर शहर और गाँव में ख़बर दी।
35लोग उस माजरे को देखने को निकले, और ईसा के पास आकर उस आदमी को जिसमें से बदरूहें निकली थीं, कपड़े पहने और होश में ईसा के पाँव के पास बैठे पाया और डर गए।
36और देखने वालों ने उनको ख़बर दी कि जिसमें बदरूहें थीं वो किस तरह अच्छा हुआ।
37गिरासीनियों के आस पास के सब लोगों ने उससे दरख़्वास्त की कि हमारे पास से चला जा; क्यूँकि उन पर बड़ी दहशत छा गई थी। पस वो नाव में बैठकर वापस गया।

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