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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - रसूलों - रसूलों 17

रसूलों 17:23-31

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23चुनाँचे मैंने सैर करते और तुम्हारे मा'बूदों पर ग़ौर करते वक़्त एक ऐसी क़ुर्बानगाह भी पाई, जिस पर लिखा था, ना मा'लूम ख़ुदा के लिए पस, जिसको तुम बग़ैर मा'लूम किए पूजते हो, मैं तुम को उसी की ख़बर देता हूँ।
24जिस ख़ुदा ने दुनिया और उस की सब चीज़ों को पैदा किया वो आसमान और ज़मीन का मालिक होकर हाथ के बनाए हुए मक़दिस में नहीं रहता।
25न किसी चीज़ का मुहताज होकर आदमियों के हाथों से ख़िदमत लेता है। क्यूँकि वो तो ख़ुद सबको ज़िन्दगी और साँस और सब कुछ देता है।
26और उस ने एक ही नस्ल से आदमियों की हर एक क़ौम तमाम रूए ज़मीन पर रहने के लिए पैदा की और उन की 'तहदाद और रहने की हदें मुक़र्रर कीं।
27ताकि ख़ुदा को ढूँडें, शायद कि टटोलकर उसे पाएँ, हर वक़्त वो हम में से किसी से दूर नहीं।
28क्यूँकि उसी में हम जीते और चलते फिरते और मौजूद हैं, जैसा कि तुम्हारे शा'यरों में से भी कुछ ने कहा है। हम तो उस की नस्ल भी हैं।
29पस, ख़ुदा की नस्ल होकर हम को ये ख़याल करना मुनासिब नहीं कि ज़ात — ए — इलाही उस सोने या रुपऐ या पत्थर की तरह है जो आदमियों के हुनर और ईजाद से गढ़े गए हों।
30पस, ख़ुदा जिहालत के वक़्तों से चश्म पोशी करके अब सब आदमियों को हर जगह हुक्म देता है। कि तौबा करें।
31क्यूँकि उस ने एक दिन ठहराया है, जिस में वो रास्ती से दुनिया की अदालत उस आदमी के ज़रिए करेगा, जिसे उस ने मुक़र्रर किया है और उसे मुर्दों में से जिला कर ये बात सब पर साबित कर दी है।

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