Text copied!
CopyCompare
पवित्र बाइबिल - भजन संहिता - भजन संहिता 69

भजन संहिता 69:2-5

Help us?
Click on verse(s) to share them!
2मैं बड़े दलदल में धँसा जाता हूँ, और मेरे पैर कहीं नहीं रूकते; मैं गहरे जल में आ गया, और धारा में डूबा जाता हूँ।
3मैं पुकारते-पुकारते थक गया, मेरा गला सूख गया है; अपने परमेश्‍वर की बाट जोहते-जोहते, मेरी आँखें धुँधली पड़ गई हैं।
4जो अकारण मेरे बैरी हैं, वे गिनती में मेरे सिर के बालों से अधिक हैं; मेरे विनाश करनेवाले जो व्यर्थ मेरे शत्रु हैं, वे सामर्थीं हैं, इसलिए जो मैंने लूटा नहीं वह भी मुझ को देना पड़ा। (यूह. 15:25, भजन 35:19)
5हे परमेश्‍वर, तू तो मेरी मूर्खता को जानता है, और मेरे दोष तुझ से छिपे नहीं हैं।

Read भजन संहिता 69भजन संहिता 69
Compare भजन संहिता 69:2-5भजन संहिता 69:2-5