Text copied!
CopyCompare
पवित्र बाइबिल - भजन संहिता - भजन संहिता 56

भजन संहिता 56:2-8

Help us?
Click on verse(s) to share them!
2मेरे द्रोही दिन भर मुझे निगलना चाहते हैं, क्योंकि जो लोग अभिमान करके मुझसे लड़ते हैं वे बहुत हैं।
3जिस समय मुझे डर लगेगा, मैं तुझ पर भरोसा रखूँगा।
4परमेश्‍वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूँगा, परमेश्‍वर पर मैंने भरोसा रखा है, मैं नहीं डरूँगा। कोई प्राणी मेरा क्या कर सकता है?
5वे दिन भर मेरे वचनों को, उलटा अर्थ लगा-लगाकर मरोड़ते रहते हैं; उनकी सारी कल्पनाएँ मेरी ही बुराई करने की होती है*।
6वे सब मिलकर इकट्ठे होते हैं और छिपकर बैठते हैं; वे मेरे कदमों को देखते भालते हैं मानो वे मेरे प्राणों की घात में ताक लगाए बैठे हों।
7क्या वे बुराई करके भी बच जाएँगे? हे परमेश्‍वर, अपने क्रोध से देश-देश के लोगों को गिरा दे!
8तू मेरे मारे-मारे फिरने का हिसाब रखता है; तू मेरे आँसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले! क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है*?

Read भजन संहिता 56भजन संहिता 56
Compare भजन संहिता 56:2-8भजन संहिता 56:2-8