2तू मेरा उठना बैठना जानता है; तू मेरे ख़याल को दूर से समझ लेता है।
3तू मेरे रास्ते की और मेरी ख़्वाबगाह की छान बीन करता है, और मेरे सब चाल चलन से वाक़िफ़ है।
4देख! मेरी ज़बान पर कोई ऐसी बात नहीं, जिसे तू ऐ ख़ुदावन्द पूरे तौर पर न जानता हो।
5तूने मुझे आगे पीछे से घेर रखा है, और तेरा हाथ मुझ पर है।
6यह इरफ़ान मेरे लिए बहुत 'अजीब है; यह बुलन्द है, मैं इस तक पहुँच नहीं सकता।