18और उनका गोश्त तेरा होगा जिस तरह हिलाई हुई क़ुर्बानी का सीना और दहनी रान तेरे हैं।
19जितनी पाक चीज़ें बनी — इस्राईल उठाने की क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने पेश करें, उन सभों को मैंने तुझे और तेरे बेटे — बेटियों को हमेशा के हक़ के तौर पर दिया; यह ख़ुदावन्द के सामने तेरे और तेरी नसल के लिए नमक का दाइमी 'अहद है।”
20और ख़ुदावन्द ने हारून से कहा, उनके मुल्क में तुझे कोई मीरास नहीं मिलेगी और न उनके बीच तेरा कोई हिस्सा होगा क्यूँकि बनी — इस्राईल में तेरा हिस्सा और तेरी मीरास मैं हूँ।
21'और बनी लावी को उस ख़िदमत के मु'आवज़े में जो वह ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में करते हैं मैंने बनी इस्राईल की सारी दहेकी मौरूसी हिस्से के तौर पर दी।
22और आगे को बनी — इस्राईल ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के नज़दीक हरगिज़ न आएँ, ऐसा न हो कि गुनाह उनके सिर लगे और वह मर जाएँ।
23बल्कि बनी लावी ख़ेमा — ए — इजितमा'अ की ख़िदमत करें और वहीँ उनका बार — ए — गुनाह उठाएँ; तुम्हारी नसल — दर — नसल यह एक दाइमी क़ानून हो, और बनी इस्राईल के बीच उनको कोई मीरास न मिले।
24क्यूँकि मैंने बनी — इस्राईल की दहेकी को, जिसे वह उठाने की क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने पेश करेंगे उनका मौरूसी हिस्सा कर दिया है; इसी वजह से मैंने उनके हक़ में कहा है कि बनी — इस्राईल के बीच उनकी कोई मीरास न मिले।”
25और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि,
26“तू लावियों से इतना कह देना कि जब तुम बनी — इस्राईल से उस दहेकी को लो जिसे मैंने उनकी तरफ़ से तुम्हारा मौरूसी हिस्सा कर दिया है, तो तुम उस दहेकी की दहेकी ख़ुदावन्द के सामने उठाने की क़ुर्बानी के लिए पेश करना।
27और यह तुम्हारी उठाई हुई क़ुर्बानी तुम्हारी तरफ़ से ऐसी ही समझी जाएगी जैसे खलिहान का गल्ला और कोल्हू की मय समझी जाती है।