31और याजक चर्बी को तो वेदी पर जलाए, परन्तु छाती हारून और उसके पुत्रों की होगी।
32फिर तुम अपने मेलबलियों में से दाहिनी जाँघ को भी उठाने की भेंट करके याजक को देना;
33हारून के पुत्रों में से जो मेलबलि के लहू और चर्बी को चढ़ाए दाहिनी जाँघ उसी का भाग होगा।
34क्योंकि इस्राएलियों के मेलबलियों में से हिलाने की भेंट की छाती और उठाने की भेंट की जाँघ को लेकर मैंने याजक हारून और उसके पुत्रों को दिया है, कि यह सर्वदा इस्राएलियों की ओर से उनका हक़ बना रहे।
35“जिस दिन हारून और उसके पुत्र यहोवा के समीप याजक पद के लिये लाए गए, उसी दिन यहोवा के हव्यों में से उनका यही अभिषिक्त भाग ठहराया गया;
36अर्थात् जिस दिन यहोवा ने उनका अभिषेक किया उसी दिन उसने आज्ञा दी कि उनको इस्राएलियों की ओर से ये भाग नित्य मिला करें; उनकी पीढ़ी-पीढ़ी के लिये उनका यही हक़ ठहराया गया।” (निर्गमन. 40:13-15)