9और मैं तुम्हारी ओर कृपादृष्टि रखूँगा और तुमको फलवन्त करूँगा और बढ़ाऊँगा, और तुम्हारे संग अपनी वाचा को पूर्ण करूँगा।
10और तुम रखे हुए पुराने अनाज को खाओगे, और नये के रहते भी पुराने को निकालोगे।
11और मैं तुम्हारे बीच अपना निवास-स्थान बनाए रखूँगा, और मेरा जी तुम से घृणा नहीं करेगा।
12और मैं तुम्हारे मध्य चला फिरा करूँगा, और तुम्हारा परमेश्वर बना रहूँगा, और तुम मेरी प्रजा बने रहोगे। (2 कुरि. 6:16)