37मगर जिसको ख़ुदा ने जिलाया उसके सड़ने की नौबत न पहुँची।
38पस, ऐ भाइयों! तुम्हें मा' लूम हो कि उसी के वसीले से तुम को गुनाहों की मु'आफ़ी की ख़बर दी जाती है।
39और मूसा की शरी' अत के ज़रिए जिन बातों से तुम बरी नहीं हो सकते थे, उन सब से हर एक ईमान लाने वाला उसके ज़रिए बरी होता है।
40पस, ख़बरदार! ऐसा न हो कि जो नबियों की किताब में आया है वो तुम पर सच आए।