24मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, जो मेरा वचन सुनकर मेरे भेजनेवाले पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है, और उस पर दण्ड की आज्ञा नहीं होती परन्तु वह मृत्यु से पार होकर जीवन में प्रवेश कर चुका है।
25“मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, वह समय आता है, और अब है, जिसमें मृतक परमेश्वर के पुत्र का शब्द सुनेंगे, और जो सुनेंगे वे जीएँगे।
26क्योंकि जिस रीति से पिता अपने आप में जीवन रखता है, उसी रीति से उसने पुत्र को भी यह अधिकार दिया है कि अपने आप में जीवन रखे;
27वरन् उसे न्याय करने का भी अधिकार दिया है, इसलिए कि वह मनुष्य का पुत्र है।
28इससे अचम्भा मत करो; क्योंकि वह समय आता है, कि जितने कब्रों में हैं, उसका शब्द सुनकर निकलेंगे।
29जिन्होंने भलाई की है, वे जीवन के पुनरुत्थान के लिये जी उठेंगे और जिन्होंने बुराई की है, वे दण्ड के पुनरुत्थान के लिये जी उठेंगे। (दानि. 12:2)