27इतने में उसके चेले आ गए, और अचम्भा करने लगे कि वह स्त्री से बातें कर रहा है; फिर भी किसी ने न पूछा, “तू क्या चाहता है?” या “किस लिये उससे बातें करता है?”
28तब स्त्री अपना घड़ा छोड़कर नगर में चली गई, और लोगों से कहने लगी,
29“आओ, एक मनुष्य को देखो, जिस ने सब कुछ जो मैंने किया मुझे बता दिया। कहीं यही तो मसीह नहीं है?”
30तब वे नगर से निकलकर उसके पास आने लगे।
31इतने में उसके चेले यीशु से यह विनती करने लगे, “हे रब्बी, कुछ खा ले।”