5मैं मुर्दों के बीच छोड़ा गया हूँ, और जो घात होकर कब्र में पड़े हैं, जिनको तू फिर स्मरण नहीं करता और वे तेरी सहायता रहित हैं, उनके समान मैं हो गया हूँ।
6तूने मुझे गड्ढे के तल ही में, अंधेरे और गहरे स्थान में रखा है।
7तेरी जलजलाहट मुझी पर बनी हुई है*, और तूने अपने सब तरंगों से मुझे दुःख दिया है। (सेला)
8तूने मेरे पहचानवालों को मुझसे दूर किया है; और मुझ को उनकी दृष्टि में घिनौना किया है। मैं बन्दी हूँ और निकल नहीं सकता; (अय्यू. 19:13, भजन 31:11, लूका 23:49)