5जैसे मक़्तूलो की तरह जो क़ब्र में पड़े हैं, मुर्दों के बीच डाल दिया गया हूँ, जिनको तू फिर कभी याद नहीं करता और वह तेरे हाथ से काट डाले गए।
6तूने मुझे गहराओ में, अँधेरी जगह में, पाताल की तह में रख्खा है।
7मुझ पर तेरा क़हर भारी है, तूने अपनी सब मौजों से मुझे दुख दिया है। सिलाह
8तूने मेरे जान पहचानों को मुझ से दूर कर दिया; तूने मुझे उनके नज़दीक घिनौना बना दिया। मैं बन्द हूँ और निकल नहीं सकता।