6क्योंकि तूने उसको सर्वदा के लिये आशीषित किया है*; तू अपने सम्मुख उसको हर्ष और आनन्द से भर देता है।
7क्योंकि राजा का भरोसा यहोवा के ऊपर है; और परमप्रधान की करुणा से वह कभी नहीं टलने का*।
8तेरा हाथ तेरे सब शत्रुओं को ढूँढ़ निकालेगा, तेरा दाहिना हाथ तेरे सब बैरियों का पता लगा लेगा।
9तू अपने मुख के सम्मुख उन्हें जलते हुए भट्ठे के समान जलाएगा। यहोवा अपने क्रोध में उन्हें निगल जाएगा, और आग उनको भस्म कर डालेगी।
10तू उनके फलों को पृथ्वी पर से, और उनके वंश को मनुष्यों में से नष्ट करेगा।
11क्योंकि उन्होंने तेरी हानि ठानी है, उन्होंने ऐसी युक्ति निकाली है जिसे वे पूरी न कर सकेंगे।
12क्योंकि तू अपना धनुष उनके विरुद्ध चढ़ाएगा, और वे पीठ दिखाकर भागेंगे।
13हे यहोवा, अपनी सामर्थ्य में महान हो; और हम गा-गाकर तेरे पराक्रम का भजन सुनाएँगे।