3जो प्रभुओं का प्रभु है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करुणा सदा की है।
4उसको छोड़कर कोई बड़े-बड़े आश्चर्यकर्म नहीं करता, उसकी करुणा सदा की है।
5उसने अपनी बुद्धि से आकाश बनाया, उसकी करुणा सदा की है।
6उसने पृथ्वी को जल के ऊपर फैलाया है, उसकी करुणा सदा की है।