60मैंने तेरी आज्ञाओं के मानने में विलम्ब नहीं, फुर्ती की है।
61मैं दुष्टों की रस्सियों से बन्ध गया हूँ, तो भी मैं तेरी व्यवस्था को नहीं भूला।
62तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं आधी रात को तेरा धन्यवाद करने को उठूँगा।
63जितने तेरा भय मानते और तेरे उपदेशों पर चलते हैं, उनका मैं संगी हूँ।
64हे यहोवा, तेरी करुणा पृथ्वी में भरी हुई है; तू मुझे अपनी विधियाँ सिखा!
65टेथ हे यहोवा, तूने अपने वचन के अनुसार अपने दास के संग भलाई की है।