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पवित्र बाइबिल - प्रेरितों के काम - प्रेरितों के काम 7

प्रेरितों के काम 7:31-45

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31मूसा ने उस दर्शन को देखकर अचम्भा किया, और जब देखने के लिये पास गया, तो प्रभु की यह वाणी सुनाई दी, (निर्ग. 3:2-3)
32“मैं तेरे पूर्वज, अब्राहम का परमेश्‍वर, इसहाक का परमेश्‍वर और याकूब का परमेश्‍वर हूँ।” तब तो मूसा काँप उठा, यहाँ तक कि उसे देखने का साहस न रहा।
33तब प्रभु ने उससे कहा, ‘अपने पाँवों से जूती उतार ले, क्योंकि जिस जगह तू खड़ा है, वह पवित्र भूमि है। (निर्ग. 3:5)
34मैंने सचमुच अपने लोगों की दुर्दशा को जो मिस्र में है, देखी है; और उनकी आहें और उनका रोना सुन लिया है; इसलिए उन्हें छुड़ाने के लिये उतरा हूँ। अब आ, मैं तुझे मिस्र में भेजूँगा। (निर्ग. 2:24, निर्ग. 3:7-10)
35“जिस मूसा को उन्होंने यह कहकर नकारा था, ‘तुझे किस ने हम पर अधिपति और न्यायाधीश ठहराया है?’ उसी को परमेश्‍वर ने अधिपति और छुड़ानेवाला ठहराकर, उस स्वर्गदूत के द्वारा जिस ने उसे झाड़ी में दर्शन दिया था, भेजा। (निर्ग. 2:14, निर्ग. 3:2)
36यही व्यक्ति मिस्र और लाल समुद्र और जंगल में चालीस वर्ष तक अद्भुत काम और चिन्ह दिखा दिखाकर उन्हें निकाल लाया। (निर्ग. 7:3, निर्ग. 14:21, गिन. 14:33)
37यह वही मूसा है, जिस ने इस्राएलियों से कहा, ‘परमेश्‍वर तुम्हारे भाइयों में से तुम्हारे लिये मेरे जैसा एक भविष्यद्वक्ता उठाएगा।’ (व्य. 18:15-18)
38यह वही है, जिस ने जंगल में मण्डली के बीच उस स्वर्गदूत के साथ सीनै पहाड़ पर उससे बातें की, और हमारे पूर्वजों के साथ था, उसी को जीवित वचन मिले, कि हम तक पहुँचाए। (निर्ग. 19:1-6, निर्ग. 20:1-17, व्य. 5:4-22, व्य. 9:10-11)
39परन्तु हमारे पूर्वजों ने उसकी मानना न चाहा; वरन् उसे ठुकराकर अपने मन मिस्र की ओर फेरे, (निर्ग. 23:20-21, गिन. 14:3-4)
40और हारून से कहा, ‘हमारे लिये ऐसा देवता बना, जो हमारे आगे-आगे चलें; क्योंकि यह मूसा जो हमें मिस्र देश से निकाल लाया, हम नहीं जानते उसे क्या हुआ?’ (निर्ग. 32:1, निर्ग. 32:23)
41उन दिनों में उन्होंने एक बछड़ा बनाकर, उसकी मूरत के आगे बलि चढ़ाया; और अपने हाथों के कामों में मगन होने लगे। (निर्ग. 32:4,6)
42अतः परमेश्‍वर ने मुँह मोड़कर उन्हें छोड़ दिया*, कि आकाशगण पूजें, जैसा भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक में लिखा है, ‘हे इस्राएल के घराने, क्या तुम जंगल में चालीस वर्ष तक पशु बलि और अन्नबलि मुझ ही को चढ़ाते रहे? (यिर्म. 7:18, यिर्म. 8:2, यिर्म. 19:13)
43और तुम मोलेक* के तम्बू और रिफान देवता के तारे को लिए फिरते थे, अर्थात् उन मूर्तियों को जिन्हें तुम ने दण्डवत् करने के लिये बनाया था। अतः मैं तुम्हें बाबेल के परे ले जाकर बसाऊँगा।’ (आमो. 5:25-26)
44“साक्षी का तम्बू जंगल में हमारे पूर्वजों के बीच में था; जैसा उसने ठहराया, जिस ने मूसा से कहा, ‘जो आकार तूने देखा है, उसके अनुसार इसे बना।’ (निर्ग. 25:1-40, निर्ग. 25:40, निर्ग. 27:21, गिन. 1:50)
45उसी तम्बू को हमारे पूर्वजों ने पूर्वकाल से पा कर यहोशू के साथ यहाँ ले आए; जिस समय कि उन्होंने उन अन्यजातियों पर अधिकार पाया, जिन्हें परमेश्‍वर ने हमारे पूर्वजों के सामने से निकाल दिया, और वह दाऊद के समय तक रहा। (यहो. 3:14-17, यहो. 18:1, यहो. 23:9, यहो. 24:18)

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