18इसलिए अब चल हम प्रेम से भोर तक जी बहलाते रहें; हम परस्पर की प्रीति से आनन्दित रहें।
19क्योंकि मेरा पति घर में नहीं है; वह दूर देश को चला गया है;
20वह चाँदी की थैली ले गया है; और पूर्णमासी को लौट आएगा।”
21ऐसी ही लुभानेवाली बातें कह कहकर, उसने उसको फँसा लिया; और अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से उसको अपने वश में कर लिया।