2मैं ख़ुदावन्द के बारे में कहूँगा, “वही मेरी पनाह और मेरा गढ़ है; वह मेरा ख़ुदा है, जिस पर मेरा भरोसा है।”
3क्यूँकि वह तुझे सय्याद के फंदे से, और मुहलिक वबा से छुड़ाएगा।
4वह तुझे अपने परों से छिपा लेगा, और तुझे उसके बाजु़ओं के नीचे पनाह मिलेगी, उसकी सच्चाई ढाल और सिपर है।
5तू न रात के ख़ौफ़ से डरेगा, न दिन को उड़ने वाले तीर से।
6न उस वबा से जो अंधेरे में चलती है, न उस हलाकत से जो दोपहर को वीरान करती है।
7तेरे आसपास एक हज़ार गिर जाएँगे, और तेरे दहने हाथ की तरफ़ दस हज़ार; लेकिन वह तेरे नज़दीक न आएगी।
8लेकिन तू अपनी आँखों से निगाह करेगा, और शरीरों के अंजाम को देखेगा।