22इसलिए कि वह ख़ुदा पर ईमान न लाए, और उसकी नजात पर भरोसा न किया।
23तोभी उसने आसमानों को हुक्म दिया, और आसमान के दरवाज़े खोले:
24और खाने के लिए उन पर मन्न बरसाया, और उनको आसमानी खू़राक बख़्शी।
25इंसान ने फ़रिश्तों की गिज़ा खाई:उसने खाना भेजकर उनको आसूदा किया।
26उसने आसमान में पुर्वा चलाई, और अपनी कु़दरत से दखना बहाई।
27उसने उन पर गोश्त को ख़ाक की तरह बरसाया, और परिन्दों को समन्दर की रेत की तरह;
28जिनको उसने उनकी खे़मागाह में, उनके घरों के आसपास गिराया।