12उसने मुल्क — ए — मिस्र में जुअन के इलाके में, उनके बाप — दादा के सामने 'अजीब — ओ — ग़रीब काम किए।
13उसने समुन्दर के दो हिस्से करके उनको पार उतारा, और पानी को तूदे की तरह खड़ा कर दिया।
14उसने दिन को बादल से उनकी रहबरी की, और रात भर आग की रोशनी से।
15उसने वीरान में चट्टानों को चीरा, और उनको जैसे बहर से खू़ब पिलाया।
16उसने चट्टान में से नदियाँ जारी कीं, और दरियाओं की तरह पानी बहाया।