9उनके मुँह आसमान पर हैं, और उनकी ज़बाने ज़मीन की सैर करती हैं।
10इसलिए उसके लोग इस तरफ़ रुजू' होते हैं, और जी भर कर पीते हैं।
11वह कहते हैं, “ख़ुदा को कैसे मा'लूम है? क्या हक़ ता'ला को कुछ 'इल्म है?”
12इन शरीरों को देखो, यह हमेशा चैन से रहते हुए दौलत बढ़ाते हैं।
13यक़ीनन मैने बेकार अपने दिल को साफ़, और अपने हाथों को पाक किया;