21क्यूँकि मेरा दिल रंजीदा हुआ, और मेरा जिगर छिद गया था;
22मैं बे'अक्ल और जाहिल था, मैं तेरे सामने जानवर की तरह था।
23तोभी मैं बराबर तेरे साथ हूँ। तूने मेरा दाहिना हाथ पकड़ रखा है।
24तू अपनी मसलहत से मेरी रहनुमाई करेगा, और आख़िरकार मुझे जलाल में कु़बूल फ़रमाएगा।
25आसमान पर तेरे अलावा मेरा कौन है? और ज़मीन पर मैं तेरे अलावा किसी का मुश्ताक़ नहीं।