4उनका ज़हर साँप का सा ज़हर है; वह बहरे अज़दहे की तरह हैं जो कान बंद कर लेता है;
5जो मन्तर पढ़ने वालों की आवाज़ ही नहीं सुनता, जो चाहे वह कितनी ही होशियारी से मन्तर पढ़ें।
6ऐ ख़ुदा! तू उनके दाँत उनके मुँह में तोड़ दे, ऐ ख़ुदावन्द! बबर के बच्चों की दाढ़ें तोड़ डाल।