2उत्तर की जानिब कोह — ए — सिय्यून, जो बड़े बादशाह का शहर है, वह बुलन्दी में खु़शनुमा और तमाम ज़मीन का फ़ख़्र है।
3उसके महलों में ख़ुदा पनाह माना जाता है।
4क्यूँकि देखो, बादशाह इकट्ठे हुए, वह मिलकर गुज़रे।
5वह देखकर दंग हो गए, वह घबराकर भागे।
6वहाँ कपकपी ने उनको आ दबाया, और ऐसे दर्द ने जैसा पैदाइश का दर्द।