13ख़ुदावन्द आसमान पर से देखता है, सब बनी आदम पर उसकी निगाह है।
14अपनी सुकूनत गाह से वह ज़मीन के सब बाशिन्दों को देखता है।
15वही है जो उन सबके दिलों को बनाता, और उनके सब कामों का ख़याल रखता है।
16किसी बादशाह को फ़ौज की कसरत न बचाएगी; और किसी ज़बरदस्त आदमी को उसकी बड़ी ताक़त रिहाई न देगी।
17बच निकलने के लिए घोड़ा बेकार है, वह अपनी शहज़ोरी से किसी को नबचाएगा।