23मैं उसके सामने कामिल भी रहा, और अपने को अपनी बदकारी से रोके रख्खा।
24ख़ुदावन्द ने मुझे मेरी रास्ती के मुवाफ़िक़ और मेरे हाथों की पाकीज़गी के मुताबिक़ जो उसके सामने थी बदला दिया।
25रहम दिल के साथ तू रहीम होगा, और कामिल आदमी के साथ कामिल।
26नेकोकार के साथ नेक होगा, और कजरों के साथ टेढ़ा।
27क्यूँकि तू मुसीबत ज़दा लोगों को बचाएगा; लेकिन मग़रूरों की आँखों को नीचा करेगा।
28इसलिए के तू मेरे चराग़ को रौशन करेगा:ख़ुदावन्द मेरा ख़ुदा मेरे अंधेरे को उजाला कर देगा।
29क्यूँकि तेरी बदौलत मैं फ़ौज पर धावा करता हूँ। और अपने ख़ुदा की बदौलत दीवार फाँद जाता हूँ।