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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - ज़बूर - ज़बूर 119

ज़बूर 119:109-114

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109मेरी जान हमेशा हथेली पर है, तोभी मैं तेरी शरी'अत को नहीं भूलता।
110शरीरों ने मेरे लिए फंदा लगाया है, तोभी मैं तेरे क़वानीन से नहीं भटका।
111मैंने तेरी शहादतों को अपनी हमेशा की मीरास बनाया है, क्यूँकि उनसे मेरे दिल को ख़ुशी होती है।
112मैंने हमेशा के लिए आख़िर तक, तेरे क़ानून मानने पर दिल लगाया है।
113मुझे दो दिलों से नफ़रत है, लेकिन तेरी शरी'अत से मुहब्बत रखता हूँ।
114तू मेरे छिपने की जगह और मेरी ढाल है; मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।

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