14जो बदकारी से ख़ुश होते हैं, और शरारत की कजरवी में खु़श रहते हैं,
15जिनका चाल चलन ना हमवार, और जिनकी राहें टेढ़ी हैं।
16ताकि तुझे बेगाना 'औरत से बचाएँ, या'नी चिकनी चुपड़ी बातें करने वाली पराई 'औरत से,
17जो अपनी जवानी के साथी को छोड़ देती है, और अपने ख़ुदा के 'अहद को भूल जाती है।
18क्यूँकि उसका घर मौत की उतराई पर है, और उसकी राहें पाताल को जाती हैं।
19जो कोई उसके पास जाता है, वापस नहीं आता; और ज़िन्दगी की राहों तक नहीं पहुँचता।
20ताकि तू नेकों की राह पर चले, और सादिक़ों की राहों पर क़ाईम रहे।
21क्यूँकि रास्तबाज़ मुल्क में बसेंगे, और कामिल उसमें आबाद रहेंगे।
22लेकिन शरीर ज़मीन पर से काट डाले जाएँगे, और दग़ाबाज़ उससे उखाड़ फेंके जाएँगे।