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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - अम्सा - अम्सा 24

अम्सा 24:3-11

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3हिकमत से घर ता'मीर किया जाता है, और समझ से उसको क़याम होता है।
4और 'इल्म के वसीले से कोठरियाँ, नफ़ीस — ओ — लतीफ़ माल से मा'मूर की जाती हैं।
5'अक़्लमंद आदमी ताक़तवर है, बल्कि साहिब — ए — 'इल्म का ताक़त बढ़ती रहती है।
6क्यूँकि तू नेक सलाह लेकर जंग कर सकता है, और सलाहकारों की कसरत में सलामती है।
7हिकमत बेवक़ूफ़ के लिए बहुत बलन्द है; वह फाटक पर मुँह नहीं खोल सकता।
8जो बदी के मन्सूबे बाँधता है, फ़ितनाअंगेज़ कहलाएगा।
9बेवक़ूफ़ी का मन्सूबा भी गुनाह है, और ठठ्ठा करने वाले से लोगों को नफ़रत है।
10अगर तू मुसीबत के दिन बेदिल हो जाए, तो तेरी ताक़त बहुत कम है।
11जो क़त्ल के लिए घसीटे जाते हैं, उनको छुड़ा; जो मारे जाने को हैं उनको हवाले न कर।

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