1अच्छा नाम अनमोल इत्र से और मृत्यु का दिन जन्म के दिन से उत्तम है।
2भोज के घर जाने से शोक ही के घर जाना उत्तम है; क्योंकि सब मनुष्यों का अन्त यही है, और जो जीवित है वह मन लगाकर इस पर सोचेगा।
3हँसी से खेद उत्तम है, क्योंकि मुँह पर के शोक से मन सुधरता है।
4बुद्धिमानों का मन शोक करनेवालों के घर की ओर लगा रहता है परन्तु मूर्खों का मन आनन्द करनेवालों के घर लगा रहता है।
5मूर्खों के गीत सुनने से बुद्धिमान की घुड़की सुनना उत्तम है।