14 चील, और भाँति-भाँति के बाज,
15 और भाँति-भाँति के सब काग,
16 शुतुर्मुर्ग, तखमास, जलकुक्कट, और भाँति-भाँति के जलकुक्कट,
17 हबासिल, हाड़गील, उल्लू,
18 राजहँस, धनेश, गिद्ध,
19 सारस, भाँति-भाँति के बगुले, टिटीहरी और चमगादड़।
20 “जितने पंखवाले कीड़े चार पाँवों के बल चलते हैं वे सब तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं।
21 पर रेंगनेवाले और पंखवाले जो चार पाँवों के बल चलते हैं, जिनके भूमि पर कूदने फाँदने को टाँगें होती हैं उनको तो खा सकते हो।
22 वे ये हैं, अर्थात् भाँति-भाँति की टिड्डी, भाँति-भाँति के फनगे, भाँति-भाँति के झींगुर, और भाँति-भाँति के टिड्डे।
23 परन्तु और सब रेंगनेवाले पंखवाले जो चार पाँव वाले होते हैं वे तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं।
24 “इनके कारण तुम अशुद्ध* ठहरोगे; जिस किसी से इनकी लोथ छू जाए वह सांझ तक अशुद्ध ठहरे।