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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - यूह - यूह 8

यूह 8:27-52

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27वो न समझे कि हम से बाप के बारे में कहता है।
28पस ईसा ने कहा, “जब तुम इब्न — ए — आदम को ऊँचे पर चढ़ाओगे तो जानोगे कि मैं वही हूँ, और अपनी तरफ़ से कुछ नहीं करता, बल्कि जिस तरह बाप ने मुझे सिखाया उसी तरह ये बातें कहता हूँ।
29और जिसने मुझे भेजा वो मेरे साथ है; उसने मुझे अकेला नहीं छोड़ा, क्यूँकि मैं हमेशा वही काम करता हूँ जो उसे पसन्द आते हैं।”
30जब ईसा ये बातें कह रहा था तो बहुत से लोग उस पर ईमान लाए।
31पस ईसा ने उन यहूदियों से कहा, जिन्होंने उसका यक़ीन किया था, “अगर तुम कलाम पर क़ाईम रहोगे, तो हक़ीक़त में मेरे शागिर्द ठहरोगे।
32और सच्चाई को जानोगे और सच्चाई तुम्हें आज़ाद करेगी।”
33उन्होंने उसे जवाब दिया, “हम तो अब्रहाम की नस्ल से हैं, और कभी किसी की ग़ुलामी में नहीं रहे। तू क्यूँकर कहता है कि तुम आज़ाद किए जाओगे?”
34ईसा ने उन्हें जवाब दिया, “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जो कोई गुनाह करता है गुनाह का ग़ुलाम है।
35और ग़ुलाम हमेशा तक घर में नहीं रहता, बेटा हमेशा रहता है।
36पस अगर बेटा तुम्हें आज़ाद करेगा, तो तुम वाक़'ई आज़ाद होगे।
37मैं जानता हूँ तुम अब्रहाम की नस्ल से हो, तभी मेरे क़त्ल की कोशिश में हो क्यूँकि मेरा कलाम तुम्हारे दिल में जगह नहीं पाता।
38मैंने जो अपने बाप के यहाँ देखा है वो कहता हूँ, और तुम ने जो अपने बाप से सुना वो करते हो।”
39उन्होंने जवाब में उससे कहा, हमारा बाप तो अब्रहाम है। ईसा ने उनसे कहा, “अगर तुम अब्रहाम के फ़र्ज़न्द होते तो अब्रहाम के से काम करते।
40लेकिन अब तुम मुझ जैसे शख़्स को क़त्ल की कोशिश में हो, जिसने तुम्हें वही हक़ बात बताई जो ख़ुदा से सुनी; अब्रहाम ने तो ये नहीं किया था।
41तुम अपने बाप के से काम करते हो।” उन्होंने उससे कहा, “हम हराम से पैदा नहीं हुए। हमारा एक बाप है या'नी ख़ुदा।”
42ईसा ने उनसे कहा, “अगर ख़ुदा तुम्हारा होता, तो तुम मुझ से मुहब्बत रखते; इसलिए कि मैं ख़ुदा में से निकला और आया हूँ, क्यूँकि मैं आप से नहीं आया बल्कि उसी ने मुझे भेजा।
43तुम मेरी बातें क्यूँ नहीं समझते? इसलिए कि मेरा कलाम सुन नहीं सकते।
44तुम अपने बाप इब्लीस से हो और अपने बाप की ख़्वाहिशों को पूरा करना चाहते हो। वो शुरू' ही से ख़ूनी है और सच्चाई पर क़ाइम नहीं रहा, क्यूँकि उस में सच्चाई नहीं है। जब वो झूठ बोलता है तो अपनी ही सी कहता है, क्यूँकि वो झूठा है बल्कि झूठ का बाप है।
45लेकिन मैं जो सच बोलता हूँ, इसी लिए तुम मेरा यक़ीन नहीं करते।
46तुम में से कौन मुझ पर गुनाह साबित करता है? अगर मैं सच बोलता हूँ, तो मेरा यक़ीन क्यूँ नहीं करते?
47जो ख़ुदा से होता है वो ख़ुदा की बातें सुनता है; तुम इसलिए नहीं सुनते कि ख़ुदा से नहीं हो।”
48यहूदियों ने जवाब में उससे कहा, “क्या हम सच नहीं कहते, कि तू सामरी है और तुझ में बदरूह है।”
49ईसा ने जवाब दिया, “मुझ में बदरूह नहीं; मगर मैं अपने बाप की इज़्ज़त करता हूँ, और तुम मेरी बे'इज़्ज़ती करते हो।
50लेकिन मैं अपनी तारीफ़ नहीं चाहता; हाँ, एक है जो उसे चाहता और फ़ैसला करता है।
51मैं तुम से सच कहता हूँ कि अगर कोई इंसान मेरे कलाम पर 'अमल करेगा, तो हमेशा तक कभी मौत को न देखेगा।”
52यहूदियों ने उससे कहा, “अब हम ने जान लिया कि तुझ में बदरूह है! अब्रहाम मर गया और नबी मर गए, मगर तू कहता है, 'अगर कोई मेरे कलाम पर 'अमल करेगा, तो हमेशा तक कभी मौत का मज़ा न चखेगा।

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