Text copied!
CopyCompare
इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - यूह - यूह 7

यूह 7:36-46

Help us?
Click on verse(s) to share them!
36ये क्या बात है जो उसने कही, “तुम मुझे तलाश करोगे मगर न पाओगे, 'और, 'जहाँ मैं हूँ तुम नहीं आ सकते'?”
37फिर ईद के आख़िरी दिन जो ख़ास दिन है, ईसा खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, “अगर कोई प्यासा हो तो मेरे पास आकर पिए।
38जो मुझ पर ईमान लाएगा उसके अन्दर से, जैसा कि किताब — ए — मुक़द्दस में आया है, ज़िन्दगी के पानी की नदियाँ जारी होंगी।”
39उसने ये बात उस रूह के बारे में कही, जिसे वो पाने को थे जो उस पर ईमान लाए; क्यूँकि रूह अब तक नाज़िल न हुई थी, इसलिए कि ईसा अभी अपने जलाल को न पहुँचा था।
40पस भीड़ में से कुछ ने ये बातें सुनकर कहा, “बेशक यही वो नबी है।”
41औरों ने कहा, ये मसीह है। “और कुछ ने कहा, क्यूँ? क्या मसीह गलील से आएगा?
42क्या किताब — ए — मुक़द्दस में से नहीं आया, कि मसीह दाऊद की नस्ल और बैतलहम के गाँव से आएगा, जहाँ का दाऊद था?”
43पस लोगों में उसके बारे में इख़्तिलाफ़ हुआ।
44और उनमें से कुछ उसको पकड़ना चाहते थे, मगर किसी ने उस पर हाथ न डाला।
45पस प्यादे सरदार काहिनों और फ़रीसियों के पास आए; और उन्होंने उनसे कहा, “तुम उसे क्यूँ न लाए?”
46प्यादों ने जवाब दिया कि, “इंसान ने कभी ऐसा कलाम नहीं किया।”

Read यूह 7यूह 7
Compare यूह 7:36-46यूह 7:36-46