15ताकि जो कोई ईमान लाए उसमें हमेशा की ज़िन्दगी पाए।”
16“क्यूँकि ख़ुदा ने दुनियाँ से ऐसी मुहब्बत रख्खी कि उसने अपना इकलौता बेटा बख़्श दिया, ताकि जो कोई उस पर ईमान लाए हलाक न हो, बल्कि हमेशा की ज़िन्दगी पाए।
17क्यूँकि ख़ुदा ने बेटे को दुनियाँ में इसलिए नहीं भेजा कि दुनियाँ पर सज़ा का हुक्म करे, बल्कि इसलिए कि दुनियाँ उसके वसीले से नजात पाए।