18चुनाँचे मरियम मग़दलिनी शागिर्दों के पास गई और उन्हें इत्तिला दी, “मैं ने ख़ुदावन्द को देखा है और उस ने मुझ से यह बातें कहीं।”
19उस इतवार की शाम को शागिर्द जमा थे। उन्हों ने दरवाज़ों पर ताले लगा दिए थे क्यूँकि वह यहूदियों से डरते थे। अचानक ईसा उन के दरमियान आ खड़ा हुआ और कहा, “तुम्हारी सलामती हो,”
20और उन्हें अपने हाथों और पहलू को दिखाया। ख़ुदावन्द को देख कर वह निहायत ख़ुश हुए।
21ईसा ने दुबारा कहा, “तुम्हारी सलामती हो! जिस तरह बाप ने मुझे भेजा उसी तरह मैं तुम को भेज रहा हूँ।”
22फिर उन पर फूँक कर उस ने फ़रमाया, “रूह — उल — क़ुद्दूस को पा लो।