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यूह 11:27-34 in Urdu

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यूह 11:27-34 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

27 मर्था ने जवाब दिया, “जी ख़ुदावन्द, मैं ईमान रखती हूँ कि आप ख़ुदा के फ़र्ज़न्द मसीह हैं, जिसे दुनियाँ में आना था।”
28 यह कह कर मर्था वापस चली गई और चुपके से मरियम को बुलाया, “उस्ताद आ गए हैं, वह तुझे बुला रहे हैं।”
29 यह सुनते ही मरियम उठ कर ईसा के पास गई।
30 वह अभी गाँव के बाहर उसी जगह ठहरा था जहाँ उस की मुलाक़ात मर्था से हुई थी।
31 जो यहूदी घर में मरियम के साथ बैठे उसे तसल्ली दे रहे थे, जब उन्हों ने देखा कि वह जल्दी से उठ कर निकल गई है तो वह उस के पीछे हो लिए। क्यूँकि वह समझ रहे थे कि वह मातम करने के लिए अपने भाई की क़ब्र पर जा रही है।
32 मरियम ईसा के पास पहुँच गई। उसे देखते ही वह उस के पैरों में गिर गई और कहने लगी, “ख़ुदावन्द, अगर आप यहाँ होते तो मेरा भाई न मरता।”
33 जब ईसा ने मरियम और उस के लोगों को रोते देखा तो उसे दुःख हुआ। और उसने ताअ'ज्जुब होकर
34 उस ने पूछा, “तुम ने उसे कहाँ रखा है?” उन्हों ने जवाब दिया, “आएँ ख़ुदावन्द, और देख लें।”
यूह 11 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019