26और मैं तेरे क़ाज़ियों को पहले की तरह और तेरे सलाहकारों को पहले के मुताबिक़ बहाल करूँगा। इसके बाद तू रास्तबाज़ बस्ती और वफ़ादार आबादी कहलाएगी।”
27सिय्यून 'अदालत की वजह से और वह जो उसमें गुनाह से बाज़ आए हैं, रास्तबाज़ी के ज़रिए' नजात पाएँगे;
28लेकिन गुनाहगार और बदकिरदार सब इकट्ठे हलाक होंगे, और जो ख़ुदावन्द से बाग़ी हुए फ़ना किए जाएँगे।