43फिर तू उसकी तलवार की धार को मोड़ देता है, और युद्ध में उसके पाँव जमने नहीं देता।
44तूने उसका तेज हर लिया है, और उसके सिंहासन को भूमि पर पटक दिया है।
45तूने उसकी जवानी को घटाया, और उसको लज्जा से ढाँप दिया है। (सेला)
46हे यहोवा, तू कब तक लगातार मुँह फेरे रहेगा, तेरी जलजलाहट कब तक आग के समान भड़की रहेगी।