3हे परमेश्वर, हमको ज्यों के त्यों कर दे; और अपने मुख का प्रकाश चमका, तब हमारा उद्धार हो जाएगा!
4हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, तू कब तक अपनी प्रजा की प्रार्थना पर क्रोधित रहेगा*?
5तूने आँसुओं को उनका आहार बना दिया, और मटके भर-भरके उन्हें आँसू पिलाए हैं।