65तब प्रभु मानो नींद से चौंक उठा*, और ऐसे वीर के समान उठा जो दाखमधु पीकर ललकारता हो।
66उसने अपने द्रोहियों को मारकर पीछे हटा दिया; और उनकी सदा की नामधराई कराई।
67फिर उसने यूसुफ के तम्बू को तज दिया; और एप्रैम के गोत्र को न चुना;
68परन्तु यहूदा ही के गोत्र को, और अपने प्रिय सिय्योन पर्वत को चुन लिया।
69उसने अपने पवित्रस्थान को बहुत ऊँचा बना दिया, और पृथ्वी के समान स्थिर बनाया, जिसकी नींव उसने सदा के लिये डाली है।
70फिर उसने अपने दास दाऊद को चुनकर भेड़शालाओं में से ले लिया;